Shikshak Bharti (No More) 2025: उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती का मुद्दा एक आम मुद्दा बन चुका है। लाखों उम्मीदवार पिछले 7 वर्षों से उम्मीद पर उम्मीद और धरने पे धरना कर रहे हैं लेकिन किसी के भी जूं तक नहीं रेंग रहा है।
हाँ शिक्षक भर्ती आई हो या न लेकिन शिक्षक भर्ती कैसे नहीं देनी है इसके लिए पूरे इंतजाम किए जा रहे हैं। सरकार किसी की भी हो हमारा संवैधानिक अधिकार है माँग करना, किंतु उस मांग को कितना सीरियस लिया जाता है यह मायने रखता है।
खत्म हुई शिक्षक भर्ती की उम्मीद
प्रदेश में अभ्यर्थियों ने तो पहले 7 वर्षों का लंबा इंतजार किया जो अभी भी जारी है। सरकार को शिक्षक भर्ती देनी चाहिए लेकिन इसके बजाय सरकार सभी रास्ते बंद कर रही है।
आपने खबर तो सुनी ही होगी कि यूपी के हजारों स्कूलों जोकि प्राथमिक स्कूल हैं उन्हें मर्ज किया जा रहा है। स्कूल मर्ज करने की यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ऐसे में निर्धारित नियमों तथा मापन के अनुसार जो स्कूल खरे नहीं उतरेंगे उन्हें मर्ज तथा बंद किया जाएगा।
स्कूल मर्ज करने से शिक्षकों की कमी होगी पूरी
वैसे तो सरकार का कहना है कि शिक्षक की जरूरत पूरी है। ऐसे में शिक्षकों की कमी पूरी करने की बात आज ही नहीं चाहिए। हालांकि स्कूल मर्ज करने पर शिक्षकों को भी दूसरे स्कूलों में ट्रांसफर किया जाएगा।
जिसके चलते शिक्षकों की जिन स्कूलों में कमी भी थी वह भी नहीं रह जाएगी। क्योंकि 50 से कम संख्या वाले स्कूल मर्ज होंगे तो उनके शिक्षक भी ट्रांसफर होंगे ऐसे में यह पूर्वनिर्धारित होगा कि कहा किस स्कूल में किसका ट्रांसफर करना है।
शिक्षक भर्ती के रास्ते हो रहे बंद Shikshak Bharti (No More) 2025
जहां लाखों अभ्यर्थियों प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए सालों से मेहनत कर रहे हैं वहीं अब इस मर्जर प्रक्रिया के चलते उनके लिए बड़ी मुश्किल खड़ी होने वाली है। क्योंकि अब शिक्षक भर्ती के लिए विभाग और सरकार दोनों को सोचना पड़ेगा। क्योंकि जरूरत कम होने पर कोई ध्यान नहीं देता।
ऐसे में यदि भर्ती आती भी है तो भी वेकेंसी की संख्या कम होगी। लेकिन परेशानी यही है कि वेकेंसी आए तो भले की कम आये। यह मर्जर प्रक्रिया को आप कैसे देखते हैं। क्या इससे प्रदेश में स्कूलों की व्यवस्था त्याग गुणवत्ता में सुधार होगा, या अभ्यर्थियों की उम्मीदों को खत्म करने का कारण बनेगी यह प्रक्रिया। अपनी राय जरूर दें।