Super TET Shikshak Bharti: यूपी की नयी शिक्षक भर्ती पर आयोग का अंतिम फ़ैसला, जल्द पूरा होगा लाखों अभ्यर्थियों का सपना

Super TET Shikshak Bharti: उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए अब अभ्यर्थियों के लिए इंतज़ार करना मुश्किल हो रहा है। पिछले 6 वर्षों से इंतज़ार करते करते अभ्यर्थी थक चुके हैं। अतः अब आयोग को जल्द से जल्द शिक्षक भर्ती के संबंध में सूचना आधिकारिक रूप से जारी करनी होगी। शिक्षक भर्ती नोटिफिकेशन के एक बार पुनः प्रयागराज में धरने की शुरुआत कर दी गई है। किंतु इस धरने को लेकर कई प्रकार की बारे भी की जा रही हैं जिसके बारे में आगे बात करेंगे।

Super TET Shikshak Bharti जारी करने को लेकर अपडेट

आपको बता दें कि प्रयागराज में 5 सितंबर से पुनः महा धरने की शुरुआत की जा चुकी है। कहा यह जा रहा है कि यह धरना शिक्षक भर्ती नोटिफिकेशन की लिखित जानकारी मिलने तक अनवरत चलता रहेगा। जैसा कि आपको पता होगा कि 5 सितंबर को इस धरने में कई प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों के अध्यापक भी शामिल हुए थे। जिसके बाद यह जानकारी मिली कि आयोग अब बहुत जल्द ही शिक्षक भर्ती के लिए क्लैंडर जारी करने वाला है। यह जानकारी आयोग नवचयनित अध्यक्ष द्वारा दी गई।

शिक्षक भर्ती धरने में हो रही नेतागीरी

जैसा कि हमने आपको बताया कि इस महा धरने को रजत सिंह व उनके साथियों द्वारा शुरू किया गया। जिसमें विषु यादव भी शामिल हैं। आपको पता होगा कि रजत सिंह DELED प्रदेश अध्यक्ष तो वहीं विषु यादव नाम के आगे उपाध्यक्ष लिखते हैं। इस धरने के लिए व्यवस्था करने के लिए चंदे माँगे गये थे। जिसमें कई कोचिंग संस्थानों के द्वारा मदद भी मिली। किंतु एग्जामपुर के लिए रजत सिंह ने सोशल मीडिया पर मदद ना करने का अयोप लगाया।

इसके बाद एग्जामपुर के फाउंडर विवेक कुमार ने स्क्रीनशॉट साझा करते हुए लिखा कि उन्होंने 5000 रुपये की मदद कर दी थी जिसे उन्होंने विषु यादव के खाते में ट्रांसफ़र किया था। बस इसी के बाद से माहौल बदल गया और अब तमाम प्रकार के क़यास लगाए जा रहे हैं। कि यह लोग धरने के नाम पे क्या कर रहे हैं और विषु व रजत की आपसी बात चीत नहीं होती। और जब विषु के पास पैसा आया तो उन्होंने जानकारी सार्वजनिक पहले क्यों नहीं की।

20 लाख अभ्यर्थियों के भविष्य का मज़ाक़

प्रदेश के 20 लाख से अधिक अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ मज़ाक़ किया जा रहा है। पहले तो 6 वर्षों से सरकार तथा आयोग द्वारा भर्ती नहीं दी गई। अब जब धरना हो रहा है तो उसमें भी अनेकों प्रकार के बवाल होते दिख रहे हैं। आपसी सहमति ही नहीं बन पा रही है ऐसे में शिक्षक भर्ती के लिए भरपूर आवाज़ कैसे उठ पाएगी। इसलिए मेरा निवेदन है कि अभ्यर्थियों के भविष्य को देखते हुए धरने को सफल बनाने का प्रयास किया जाये नाकि अपना राजनीतिक एजेंडा सिद्ध किया जाये।

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