BEd Course Closed 2024: मंत्रालय ने 2 वर्षीय बीएड कोर्स किया ख़त्म, बीएड कर चुके अभ्यर्थियों को झटका। शिक्षा के क्षेत्र में इन दिनों काफ़ी ज़्यादा चर्चाएँ हो रही हैं। जिसका कारण कड़ी बातों पर निर्भर करता है। जिसमें शिक्षक भर्ती का पिछले 5 वर्षों से इंतज़ार तथा बीएड को प्राथमिक से बाहर करने का सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला प्रमुख हैं। शिक्षक बनने के लिए जहां बीटीसी तथा बीएड की ज़रूरत होती है वहीं एक खबर सुनने में आ रही है जहां बताया गया कि बीएड कोर्स बंद किया जा रहा है।
2 वर्षीय बीएड कोर्स होगा बंद (BEd Course Closed 2024)
राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद एनसीटीई द्वारा एक नोटिस के माध्यम से यह जानकारी दी गई है कि वह शिक्षकों की बहाली तथा शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए यह कदम उठाने जा रहा है। आपको बता दें बीएड के स्थान पर एनसीटीई एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम जारी कर चुका है। यह ITEP कोर्स 4 वर्षों का होगा। शिक्षा क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए मंत्रालय द्वारा बड़ा फ़ैसला लिया गया है।
राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद द्वारा बीएड के 2 वर्षीय कोर्स को बंद करने का उद्देश्य नयी शिक्षा नीति से जुड़कर शिक्षा स्तर को नये मुक़ाम तक पहुँचाना है। इसके लिए आधिकारिक स्तर पर कार्य किया जा रहा है। यह नया कोर्स 4 वर्षीय का होगा जिसे कोई भी छात्र अपनी माध्यमिक की शिक्षा संपन्न करके शुरू कर सकता है। बीएड की भाँति ITEP के लिए स्नातक की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
12th पास कर सकेंगे एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम
आपको बता दें प्राथमिक शिक्षा को मज़बूती प्रदान करने के लिए शुरू किए गए ITEP कोर्स की योग्यता 12वीं पास होती है। अतः कोई भी अभ्यर्थी अपनी 12 तक की पढ़ाई करने के बाद इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए योग्य हो जाता है। इसको करने के लिए कुल 4 वर्षों का समय लगेगा। जिसके बाद स्नातक की डिग्री भी प्राप्त हो जाएगी। हालाँकि इसमें प्रवेश की प्रक्रिया बीएड के मुक़ाबले अधिक कठिन है। इसके लिए आपको प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी जोकी बीएड के मुक़ाबले ज़्यादा कठिन मानी जा रही है।
बताते चलें कि 2023 के बाद से बीएड को पूरी तरह से चरणबद्ध तरीक़े से समाप्त कर दिया जाएगा। जिसके बाद से सिर्फ़ ITEP ही प्रथम मार्ग होगा शिक्षक बनने के लिए। 4 वर्षों की अवधि में संपन्न होने बाद उम्मीदवारों को प्राथमिक स्तर पर पढ़ाने के लिए आधिकारिक रूप से प्रमाण पत्र दिया जाता है। जोकि नयी शिक्षा नीति की नीतियों के आधार पर काम करता है।