Suraj Tiwari IAS: विकलांगता को किनारे कर बन गए IAS सूरज तिवारी ने पेश की सफलता की नयी मिसाल

IAS Suraj Tiwari Biography in Hindi: संसाधनों के अभाव में सफलता प्राप्त करने वाले तो बहुत मिल जाते हैं। लेकिन UPSC Aspirant Suraj Tiwari ने एक अलग ही सफलता की मिसाल खड़ी कर दी है। आपको बता दें UPSC Exam 2022 का Result हाल ही में जारी किया गया है। जिसमें ग्रेटर नोएडा की Ishita Kishore ने All India Rank में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।

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लेकिन इस पोस्ट में आज हम आपको उत्तर प्रदेश के इस होनहार प्रतिभावान विद्यार्थी के बारे में बताएंगे जिसका कठिनाइयों से अजीब सा रिश्ता रहा है। जी हाँ आज हम IAS में 917वीं रैंक हासिल करने वाले युवक सूरज तिवारी के जीवन परिचय पर बात करेंगे।

आईएएस सूरज तिवारी का जीवन परिचय (IAS Suraj Tiwari Biography in Hindi)

IAS Suraj Tiwari Biography in Hindi

सूरज तिवारी उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में किरावली नगर के निवासी हैं। 25 वर्षीय सूरज के पिता श्री राजेश तिवारी जी पेशे से एक दर्जी हैं। सूरज तिवारी पहली बार चर्चा में तब आए जब इन्होंने UPSC IAS परीक्षा को पास करते हुए 917वीं रैंक प्राप्त करी।

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सूरज ने कठिन परिश्रम से आईएएस अधिकारी बनने में सफलता प्राप्त की। लेकिन इस सफलता के पीछे की कहानी बहुत ही दर्दनाक तथा भावुक कर देने वाली है। इसी पोस्ट में आगे सूरज तिवारी के प्रारंभिक जीवन से आईएएस बनने तक का सफर बताया गया है।

आईएएस सूरज तिवारी की प्रारंभिक शिक्षा

IAS Suraj Tiwari Biography in Hindi. सूरज की प्रारंभिक शिक्षा उनके घर के पास किसी विद्यालय में पूर्ण हुई। इसके बाद साल 2011 में इन्होंने SBRL कॉलेज मैनपुरी से अपनी 10वीं की परीक्षा पास की। सूरज तिवारी 12वीं की परीक्षा में एक बार असफल रह चुके हैं। इसके बाद इन्होंने यूपी बोर्ड से साल 2014 में अपनी 12वीं की परीक्षा संपूर्णानंद इण्टर कॉलेज से पास की। इण्टर करने के बाद इन्होंने JNU दिल्ली से स्नातक में BA किया।

सूरज तिवारी ने ट्रेन हादसे में गंवाए दोनों हाथ-पैर

IAS परीक्षा में 917वां स्थान प्राप्त करने वाले सूरज का हमेशा से हादसों से भरा रहा है। कभी पैसों की समस्या तो कभी पारिवारिक कष्ट से हमेशा घिरे रहे हैं। 29 जनवरी 2017 को सूरज के बड़े भाई राहुल ने खुदकुशी करके पूरे परिवार को कष्टों की दलदल में डाल दिया था। परिवार इस अपूर्णीय क्षति से उबर पाता कि 27 मई 2017 को सूरज तिवारी का एक ट्रेन हादसे में हाथ और पैर दोनो चले गए। इसके बाद तो परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा था। लेकिन सूरज ने किसी समस्या को अपनी सफलता के बीच में नहीं आने दिया।

प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती- Suraj Tiwari IAS

सूरज तिवारी ने अपनी विकलांगता को कभी अपनी कमजोरी नहीं माना। और हमेशा अपनी मेहनत तथा पढ़ाई पर फोकस करते हुए UPSC में सफलता प्राप्त की। उत्तर प्रदेश का यह लड़का आज जिस मुकाम पर पहुंच गया है उससे उसकी कड़ी मेहनत का अनुमान लगाना मुश्किल है।

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लेकिन कठिनाइयों का सामना करते हुए सफलता की सीढ़ी चढ़ते का अलग ही मजा है। आज सूरज तिवारी देश के उन सभी लोगों के लिए एक मिसाल बन गए हैं जिनके पास कुछ न करने के बहाने होते हैं। देश के युवा सूरज तिवारी से जरूर Inspire होंगे और अपने सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे।

नोट– यह IAS Suraj Tiwari Success Story आपको भावुक होने पर मजबूर कर दी होगी। सूरज तिवारी की इस कहानी को लोगों तक पहुंचाने के लिए एक शेयर तो बनता है। अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ इस पोस्ट शेयर जरूर करें।

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