Interview in Shikshak Bharti 2024: उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग ने बुधवार को बेसिक शिक्षा, अनुदेशकों या सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक कॉलेजों के शिक्षकों की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी कर दिया है। इस वक्त की जो सबसे बड़ी खबर आ रही है वह यह है कि चयन तथा योग्यता के आधार पर शिक्षक भर्ती के लिए आयोजित की जाने वाली लिखित परीक्षा के साथ साथ इंटरव्यू सिस्टम भी उतना ही महत्वपूर्ण है। अतः आयोग यह प्रक्रिया लागू करने के विचार में आ सकता है।
शिक्षक भर्ती सम्बंधित आवश्यक जानकारी
आयोग विभिन्न स्तरों पर होने वाले शिक्षक भर्ती के लिए पहले तो आवेदन लेगा फिर उसके बाद लिखित परीक्षा का आयोजन कराएगा। किसी भी भर्ती परीक्षा में लिखित परीक्षा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है, कहते है लिखित परीक्षा पास कर लिया तो नौकरी पाने की आधी मेहनत तो वही सफल हो जाती है।
साक्षात्कार के जुड़ेंगे नंबर
शिक्षकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा के साथ ही साक्षात्कार का भी होगा महत्व। लिखित परीक्षा के 90 फीसदी अंक जोड़े जाएंगे और साक्षात्कार के 10 फीसदी अंक। लिखित परीक्षा पास कर भी गए लेकिन साक्षात्कार में छ्ट गए तो नौकरी नहीं मिलेगी।
याद रखने वाली बात यह है कि जहां आप 90 फीसदी अंक लाने की प्रयास कर रहे है तो वहा आपको थोड़ा सा समय 10 फीसदी के साक्षात्कार को भी देना होगा तभी आप सफल हो पायेंगे। फिर अंत में पूर्णाक तो आयोग ही निश्चित करेगा। इस बारे में लिखित नोटिफिकेशन के बाद ही क्लैरिटी मिल पायेगी।
जिला मुख्यालयों पर होगी लिखित परीक्षा
बेसिक विद्यालयों के शिक्षकों के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन उनके जिला मुख्यालयों पर ही कराया जाएगा। आयोग ने कहा लिखित परीक्षा और शैक्षणिक गुणांक पर बदलाव भी किया जा सकता है।
यूजी पीजी कॉलेज के प्राचार्य पदों के लिए
यूजी पीजी कॉलेजों के प्राचार्य पद के लिए लिखित परीक्षा और एपीआई कंडक्ट कराया जायेगा। लिखित परीक्षा में जो भी अभ्यर्थी पास करेंगे उन्हें रिक्तियों के सापेक्ष पांच गुना लोगों को बुलाया जाएगा।
वरिष्ठ प्रोफेसर होगा आयोग का अध्यक्ष
उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव ने नियमावली जारी करते हुए कहा कि आयोग का अध्यक्ष प्रमुख सचिव स्तर के आईएएस या फिर किसी विश्वविद्यालय के कुलपति ही वरिष्ठ प्रोफेसर माना जाएगा। उन्हें कम से कम दस साल तथा तीन साल का प्रशासनिक अनुभव होना चाहिए।
आयोग व शासन की आवश्यक सूचना
शासन ने कहा अगर तीन साल में भर्ती नही हुई तो भर्ती के विज्ञापन को निरस्त कर दिया जायेगा। कई बार ऐसा देखा गया है कि विज्ञापन तो जारी हो जाता है परंतु भर्ती नही लिया जाता। यह देखकर शासन ने यह फैसला लिया की अगर तीन साल के अंदर भर्ती नही ली जाती तो विज्ञापन को निरस्त मान लिया जाएगा। लेकिन फिर जब भी भर्ती शुरू करनी हो तो दुबारा से वह विज्ञापन जारी कर सकता है।