68500 Shikshak Bharti Ki CBI Janch: यूपी में हुई 68500 शिक्षक भर्ती पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीबीआई जाँच के आदेश। 68500 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के परिणाम में काफी सारा गड़बड़ घोटाला देखने को मिला था जिसपर सीबीआई जांच भी बैठाई गई थी। कुछ समय बाद तो ये सारा मामला ठंडा पड़ गया था परंतु अभी फिर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया है।
कोर्ट ने पूछा है कि आखिर कहा तक पहुंचा सीबीआई जांच? कोर्ट केस मामले तो ऐसे ही होते है कुछ दिन चलते है फिर कुछ दिन शांत। याद आने पर दुबारा फिर सवाल उठाया जाता है और जांच शुरू की जाती है। इसी वजह से एक केस को सुलझाने में कई साल गुजर जाते है।
68500 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया मामला
सरकारी प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक भर्ती का जिम्मा PNP को सौंपा गया था। 68500 सहायक शिक्षक भर्ती के लिए 9 जनवरी 2018 को सरकार के तरफ से शासनादेश जारी किया गया था, 27 मई को लिखित परीक्षा का आयोजन हुआ था तथा 13 अगस्त को परिणाम भी घोषित कर दिए गए थे।
लेकिन जैसा कि आपको पता है सरकारी काम इतनी आसानी से तो होता नहीं है, कोई ना कोई गड़बड़ घोटाला करने मौजूद रहते ही है। ठीक इसी प्रकार 68500 का परिणाम तो घोषित हो गया परंतु इसमें कई सारे गड़बड़ घोटाला नजर आए।
शिक्षक भर्ती की चयन प्रक्रिया में घोटाले
परिणाम घोषित होने के बाद पता चला 68500 वेकेंसी की पोस्ट पर दो ऐसे अभ्यर्थियों को पास कर दिया गया है जो परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए थे। इतना ही नही परीक्षा में फेल हुए 23 अभ्यर्थियों को भी इन शिक्षा विभागों ने नौकरी दिलवा दिया था। फेल हुए अभ्यर्थियों को भी पास कर दिया और इतना पढ़ने लिखने के बाद भी कई लोग रह गए पीछे।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया सीबीआई जांच का ऑर्डर
फेल अभ्यर्थियों को पास देखने के बाद और बिन परीक्षा दिए सफल अभ्यर्थियों को देख के बाकी अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज कर दी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की सचिव डॉक्टर सुत्ता सिंह को 8 सितंबर 2018 के दिन निलंबित कर दिया।
फिर हाई कोर्ट के जस्टिस इरशाद अली ने पूरे प्रदेश में सीबीआई जांच करवाने का आदेश जारी कर दिया।सीबीआई जांच के बाद अदालत ने यह निर्देश दिया था कि अगर भर्ती प्रक्रिया के परिणाम में गड़बड़ी साबित हुई तो जो भी अधिकारी दोषी पाए जायेंगे उनपर सक्षम प्राधिकारियों द्वारा कार्यवायी की जायेगी।
सरकार द्वारा यह भी कहा गया था कि 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती, उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 के खिलाफ की गई थी जिसके तुरंत बाद ही सरकार ने संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया पर सीबीआई जांच के आदेश दे दिए।
सालों बाद एक बार फिर उठा सवाल
कुछ साल पहले 68500 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ घोटाले होने पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था। जिसके बारे में फिर अभी सुप्रीम कोर्ट ने 5 दिसंबर को उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा है कि आखिर कहा तक उनका सीबीआई जांच पहुंचा है तथा सीबीआई में दर्ज एफआईआर की वर्तमान स्थिति क्या है? इसी सिलसिले में सरकार ने अगले माह यानी कि जनवरी में सुनवाई भी रखी है। अब देखना यह है कि सीबीआई जांच के बाद क्या परिणाम निकल कर सामने आता है।